Berukh zindagi

Berukh zindagi

A Poem by prodicallife
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first time composed in hindi as gift to my dear friend. Hope you like this one....

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�™ड़का: फिर आया हु तेरे दर पर

�™ेकर ये आवारा दि�™

ना सूद है ना स�™ीखा है

अब तो तू ही है मेरी आखरी मंजि�™..

 

�™ड़की: मंज़ि�™े नहीं है जीने का सबब

यह तुझे सोने ना दें�-ी

तड़पता रहे�-ा उम्र भर

इस दि�™ पर तेरा नाम होने ना दें�-ी....

 

�™ड़का: यह मोहब्बत है कोई खे�™ नही

आखरी सास तक निभाऊं�-ा

अब तो जब टूटें�-ी सासे

तभी इस दर से जाऊँ�-ा....

 

�™ड़की: मत कर तेरी मोहब्बत की नुमाइश यहाँ

नही करती मी प्यार तुझसे

�™े जा अपना दि�™-ए-तोहफा यहाँ से

ना हो�-ी यह मोहब्बत यह प्यार मुझसे....

 

�™ड़का: मत भेज मुझे तू दर से अपने

जीता जी मर जाऊँ�-ा

ज़िन्द�-ी ने तो वफ़ा न की

चैन से मर भी ना पाऊं�-ा....

 

�™ड़की: ए ज़िन्द�-ी की फरमाइश करने वा�™े

अब तू जीना छोड़ दे

मंज़ि�™ से अपनी भटक �-या है तू

इस राह पर आना छोड़ दे....

�™ड़का: ए हुस्न-ए-ब�™ा अपने शब्दों पर �-ौर कर

हर फरमाइश पूरी करूं�-ा कहा था

�™े ज�™ा दे मुझे...........�"र फना कर....

 

�™ड़का: मर भी �-या तो चैन ना पाऊं�-ा

मेरी कब्र पर आती रहना

करूँ�-ा तेरा दीदार तब भी

दास्ताँ-इ-मोहब्बत सुनाऊं�-ा....

 

�™ड़की: अब छोड़ दे सब यह पा�-�™ आशिक

सो जा चैन की नींद तू

�™े आज़ाद कर दिया तुझे इस ज�- से

कब तक तड़पता रहता तू....

 

�™ड़का: जिया था तेरा नाम �™ेकर

मर कर भी इंतज़ार करूँ�-ा

सूनी छोड़ दी है 4 �-ज ज़मीन साथ मे

जहा अपनी मोहब्बत की मूर्ति �™�-ाऊं�-ा....

 

�™ड़की: क्यों करता है इतना प्यार मुझसे

दर के सिवा क्या दिया है तुझको....

 

�™ड़का: तदपते है जिसके �™िए हज़ारो आशिक

तेरे हाथो से वो मौत मि�™ी है मुझको....

 

�™ड़की: च�™ी सासों सं�- बेवफाई हमेशा

ज़िन्द�-ी नै भी बदनसीबी को सं�- जोड़ दिया है

एक सच्ची मोहब्बत मि�™ी थी शिद्दत से

उसका भी मैने �-�™ा घोट दिया है........

 

�™ड़का: या खुदा----तुने तो किस्मत का रुख ही मोड़ दिया है

आज तक मोहब्बत नै वफ़ा न की थी

�"र आज मोहब्बत सं�- है..

तो ज़िन्द�-ी ने साथ छोड़ दिया है........

 

�™ड़की: नहीं जीना अब �"र, करके मोहब्बत को रुसवा खुद से

पाक-ए-ज़िन्द�-ी को राख किया है....

ठुकरा दिया तेरी ज़िन्द�-ी को जबसे

शांत होए�-ा �-ुनाह-ए-चिरा�-

अब तो सिर्फ मौत के सबब से....

 

�™ड़का: सुकून था उनके आने का

जो प�™ भर मी किसी ने मिटा दिया

इंतज़ार कर रहा था उसका अपनी कब्र के पास

�"र जा�™िमो ने उसे ज�™ा दिया....

 

          

FROM THE HEART....

© 2011 prodicallife


Author's Note

prodicallife
Hi everybody this is written in my own language HINDI for your convinience i`ll translate it to english....in the review part.....
great day

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Reviews

I think it's amazing :) It makes me wish I understood your language..and while I can't read it I know it really is beautiful

Posted 12 Years Ago


UM..i dont understand hindi...but i would love it if you could post it in english!

Posted 12 Years Ago



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Added on August 13, 2011
Last Updated on August 13, 2011

Author

prodicallife
prodicallife

jaipur, rajasthan, India



About
i`m a writer of my own destination, Hi this is Saurabh Bhatia...random thotsss invade my mind all the time....LOVE is what i would like to specify izzz my favourite field.. LETA HU TERA NAAM HR PAL .. more..

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