नी™मणिA Screenplay by Soni writerChapter 3
देवी आदि शक्ति द्वारा नी™मणि को स्वीकार करने की बात जब देवता"ं को पता च™ी तो उनके मन में प्रतिशोध की भावना उत्पन्न हुई। असुरों को सदैव यही ™-ता था कि देवता"ं ने उनके साथ छ™ किया है चाहे वह अमृत के बात हो या फिर इन दिव्या मणियो की। असुर अब केव™ प्रतिशोध ™ेना चाहते थे "र इसके ™िए उन्हें जो चाहिए था वह थी नी™मणि क्योंकि केव™ वही थी जिसका अभी तक कोई उत्तराधिकारी नहीं था जो केव™ देवी द्वारा संरक्षित की -ई थी परंतु देवी देवी से उसे मनी को प्राप्त करना उतना सर™ नहीं था। राक्षसों में से एक राक्षस था , मायासुर। मायासुर के मन में देवता"ं से प्रतिशोध ™ेने की प्रब™ इच्छा थी। परंतु माया "र को यह भी पता था की देवता"ं से जीत पाना अब उतना सर™ नहीं हो-ा क्योंकि अब देवता अमृत पान कर चुके हैं इसी™िए मायासुर को अब एक ऐसी दिव्य शक्ति की आवश्यकता थी जो उसे देवता"ं पर विजय प्राप्त करने में सहायता करें "र वह केव™ नी™मणि द्वारा ही संभव था क्योंकि केव™ नी™मणि ही थी जो दिव्या "र अ™ौकिक शक्तियों की स्वामी थी नी™मणि जिसके पास भी होती उसे दिव्या "र जादुई शक्तियां प्राप्त होती थी परंतु उसे नी™मणि को प्राप्त करने के ™िए अभी माया सुर को घनघोर तप करना आवश्यक था क्योंकि केव™ तप के द्वारा ही वह नी™मणि को प्राप्त कर सकता था। जब देवता"ं को माया "र के इस निश्चय के बारे में पता च™ा तो देवता"ं को चिंता"ं ने घेर ™िया। तथा सभी देवता मि™कर अब देवी के पास जा पहुंचे "र सभी ने देवी से अनु-्रह किया कि वह इस समस्या का शीघ्र ही समाधान करें क्योंकि यदि असुरों को नी™मणि प्राप्त हुई तो यह संपूर्ण ज-त के ™िए अत्यंत विनाशकारी सिद्ध हो-ा।
© 2024 Soni writer |
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Added on April 24, 2024 Last Updated on April 24, 2024 AuthorSoni writerSri Ganganagar, Rajsthan, IndiaAboutI am a student.but in my free time I love writing stories. in these days I am working on a mysterious story. I hope everybody like it more..Writing
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