नी�™मणि

नी�™मणि

A Screenplay by Soni writer
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Chapter 4

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यूं तो नी�™मणि पर सभी असुरों की नजर थी पर उनमें से सबसे ज्यादा शक्तिशा�™ी �"र चतुर असुर था मयासुर माया �"र ने अब तक सभी असुरों के साथ हुए अन्याय �"र उनके अंत से कुछ ना कुछ सबक जरूर �™िया था �"र माया �"र बाकियों की तरह वही �-�™ती दोबारा नहीं दोहराना चाहता था इसी�™िए उसने ब्रह्मा जी की कड़ी तपस्या करने की ठानी। माया सरनेम हिमा�™य पर्वत पर जाकर अपनी कठिन तपस्या प्रारंभ की। माया �"र की तपस्या को देखकर सभी देवता घबराने �™�-े �"र सभी पा�™नहार विष्णु के पास अपनी समस्या का समाधान खोजने के �™िए पहुंच �-ए भ�-वान विष्णु ने सभी देवता�"ं को देवी आदि शक्ति का आवाहन करने का सुझाव दिया तभी से सभी देवता देवी को प्रसन्न करने के �™िए यज्ञ करने �™�-े देवी भी सभी देवता�"ं की चिता�"ं से अव�-त थी परंतु उन्हें भी का�™चक्र का सम्मान करना था कई वर्षों के देवता�"ं के यज्ञ के बाद अंततः देवी प्रसन्न हुई �"र उन्होंने देवता�"ं को दर्शन दिए। सभी देवता देवी से करुण पुकार करते हुए कहने �™�-े की "है ज�- जननी आप ही सभी ऊर्जा�"ं की स्रोत है आपसे ही सभी सभी जीव प्राण प्राण वायु प्राप्त करते हैं आपके बिना इस ब्रह्मांड का संचा�™न संभव ही नहीं है हे देवी कृपया कर हमारी समस्या का समाधान करें �"र इस ज�-त को आने वा�™े संकट से उबा‌‌रने का उपाय सुझाए।" देवता�"ं की इस करूं स्तुति से देवी अत्यंत प्रसन्न हुई �"र देवता�"ं से कहने �™�-ी, ``हे देवों आप सब की समस्या से मैं अव�-त हूं परंतु मैं किसी भी भक्त की भक्ति में बाधा नहीं बन सकती, मैं जानती हूं कि आप सब माया �"र की तपस्या से अत्यंत चिंतित है परंतु अभी वह केव�™ भक्त है जो अपने आराध्य को प्रसन्न करने के �™िए उनके दर्शन के �™िए उनकी भक्ति कर रहा है ऐसे में देवता�"ं का एक भक्त की भक्ति में बाधा डा�™ना धर्मोचित नहीं हो�-ा।'' तब देवता�"ं ने माता से कहा की`` है ज�- जननी आप भी जानती हैं कि यह असुर बिना किसी �™ाभ के किसी देव की तपस्या नहीं करते जब से देवता�"ं ने अमृत पान किया है तभी से इन असुरों में प्रतिशोध की भावना प्रब�™ हो चुकी है तथा इस समय सभी असुर नी�™मणि पर अपना ध्यान साधे हुए हैं क्योंकि इस समय केव�™ नी�™मणि ही है जिसका कोई स्वामी नहीं है इसी�™िए है देवी कृपया कर कोई ऐसा मार्�- सुझाए जिससे भविष्य में यदि यह दानव नी�™मणि प्राप्त करने की चेष्टा करें तो हम देवता नी�™मणि की उन असुरों से रक्षा कर सके।"

© 2024 Soni writer


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78 Views
Added on April 26, 2024
Last Updated on April 26, 2024

Author

Soni writer
Soni writer

Sri Ganganagar, Rajsthan, India



About
I am a student.but in my free time I love writing stories. in these days I am working on a mysterious story. I hope everybody like it more..

Writing
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